पाक अधिकृत कश्मीर के बारे कुछ महत्वपूर्ण जानकारी : ऐतिहासिक रूप से जम्मू और कश्मीर की तत्कालीन रियासत का हिस्सा था जिस पर 1947 में पकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्ज़ा कर लिया गया था. लेकिन इस कब्जे को नाकाम करने के पहले कश्मीर के राजा हरी सिंह स्वर्गीय पीएम जवाहर लाल नेहरू इस्टूमेंट ऑफ़ एक्सेस पर समझौता हुआ था. जिसके बाद कश्मीर भारत का हिस्सा बन गया था. इस कारण पाक अधिकृत कश्मीर (POK) भी भारत का हिस्सा है.
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पाक अधिकृत कश्मीर का इतिहास ( POK ): History Of PAK Occupied Kashmir
सन् 1947 में भारत कि स्वतत्रंता के समय अंग्रेजो ने रियासतों पर अपना दावा छोड़ दिया और उन्हें भारत या पाकिस्तान में शामिल होने या स्वतंत्र रहने के विकल्पों पर निर्णय लेने आजादी दी. भारत सरकार द्वारा धारा 370 को को कश्मीर एवं लद्दाक से हटा लिया गया है. जिससे की वहाँ पर कश्मीरी लोगो को देश अन्य नागरिको की तरह ही सारी सुविधाएँ प्राप्त हो पायेगी. अब देश में पाक अधिकृत कश्मीर को देश में वापस शामिल करने की मांग तेज हो गयी है.
जम्मू और कश्मीर के महाराजा हरिसिंह ने भारत और पाकिस्तान किसी को नहीं चुना और जम्मू और कश्मीर एक स्वतंत्र प्रभुत्व वाला देश बनाना तय किया था.
सन् 1947 में जम्मू और कश्मीर की जनसांख्यिकी: Demography Jammu And Kashmir In 1947
कश्मीर की घाटी, सबसे अधिक आबादी वाला क्षेत्र है और एक ऐतिहासिक रूप से शक्तिशाली राज्य था. सन् 1947 में जम्मू और कश्मीर राज्य में बहुत जनसांख्यिकीय विविधता थी. जिसमे अफगान – तुर्क और अरब लोगो की आबादी थी. इसलिए यहाँ की जनसंख्या 97% मुस्लिम और शेष 3% धार्मिक अलपसंख्यक थे, जो कि ज्यादातर कश्मीरी पंडित समुदाय से थे.
जम्मू संभाग के पूर्वी जिलों में एक हिन्दू बहुसख्यक आबादी सांस्कृतिक रूप हिमांचल प्रदेश की तरफ लगाव रखती थी. जबकि दूसरी ओर पश्चिमी जिलों जैसे कोटली, पूंछ और मीरपुर में मुस्लिम बहुमत था और इनका रुख पाकिस्तान की तरफ था.
महाराजा हरि सिंह के खिलाफ विद्रोह : Rebellion Against Maharaja Hari Singh
जम्मू-कश्मीर में हमला सन् 1947 में पूंछ में महाराजा हरि सिंह के खिलाफ विद्रोह शुरू हो गया था. इस विद्रोह का कारण हरी सिंह द्वारा क्षेत्र में किसान पर दंडात्मक कर लगाना था. पाकिस्तान ने इस मौके का फायदा उठाना चाहा, अक्टूबर 21 .1947 को उत्तरी – पश्चिमी सीमा प्रान्त (NWFP) के कई हजार पश्तून आदिवासियों (जिन्हे पकिस्तान की सेना का समर्थन प्राप्त था) ने इस इलाके को महाराजा के शासन से मुक्त करने के लिए विद्रोह कर दिया था. महाराजा के सैनिको ने इस आक्रमण को रोकने की कोशिश की लेकिन पाकिस्तान समर्थक विद्रोह आधुनिक हथियारों से पीछे थे और उन्होंने 24 अक्टूबर 1947 को लगभग पूरे पूंछ जिले पर नियंत्रण हासिल कर लिया था.
जम्मू – कश्मीर हमला
आक्रमणकारियों ने मुजफ्फराबाद और बारामुला के शहरों पर कब्ज़ा कर लिया और राज्य की राजधानी श्रीनगर से उत्तर – पश्चिम में बीस मील दूर तक पहुंचे गए. उन्होंने इन जिलों में दुकानों को लूटना शुरू कर दिया. महिलाओं और बच्चियों के साथ बलत्कार किये, इस बिगड़ती स्थिति को देखते हुए महाराजा हरिसिंह ने 24 अक्टूबर 1947 को भारत से सैन्य मदद की गुहार की और भारत ने कहा कि वह तभी मदद करेगा जब राजा उसके साथ “Instrument Of Accession Of Jammu’s Kashmir To India” पर अपने हस्ताक्षर करेंगे. इस प्रकार महाराजा हरी सिंह ने जम्मू & कश्मीर की रक्षा के लिए शेख अब्दुल्ला की सहमति से जवाहर लाल नेहरू के साथ मिलकर 26 अक्टूबर 1947 को भारत के साथ जम्मू – कश्मीर के अस्थायी विलय की घोषणा कर दी और “Instrument Of Accession Of Jammu’s Kashmir To India” पर हस्ताक्षर कर दिए.
तीन विषयों के तहत समझौता: Agreement Under Three Subject
पकिस्तान की सेना खुलकर भारत के साथ लड़ने लगी, इसी लड़ाई के बीच दोनों देशों के बीच यथास्थिति बनाये रखने के लिए समझौता हो गया. इस नये समझौता के तहत जम्मू – कश्मीर ने भारत के साथ सिर्फ तीन विषयों – रक्षा, विदेशी मामला और संचार को भारत के हवाले कर दिया था. समझौते के तहत भारतीय सैनिकों को तुरंत श्रीनगर ले गया. इसके बाद जो जिले पकिस्तान ने हथियाए थे, वे उसके पास ही रह गए. इन्ही हथियाए गए जिलों को Pakistan Occupied Kashmir (POK) कहा जाता है.
जिन्हे पकिस्तान, आजाद कश्मीर कहता है. पकिस्तान ने प्रशानिक सुविधा के लिए (POK) को दो भागों में बात रखा है, जिन्हे आधिकारिक भाषाओं में जम्मू और कश्मीर गिलगित – बाल्टिस्तान कहा जाता है. आजाद कश्मीर (AJK), आजाद कश्मीर अंतरिम संविधान अधिनियम, 1947 के तहत शासित होता है, आजाद कश्मीर में एक राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और एक परिषद् है, लेकिन शासी संरचना पूरी तरह से शक्तिहीन है और पकिस्तान सरकार के अधीन काम करती है.
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POK में कौन-कौन से जिले है: Districts In The POK
नीलम, मीरपुर, भीमबार, कोटली, मुजफ्फराबाद, बाग़, रावलकोट और सुधनोटि. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के दक्षिणी हिस्से में 8 जिले है.
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