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प्रवर्तन निदेशालय (ED) क्या है और क्या है इसके कार्य? – जाने पूरी जानकरी हिंदी में

Enforcement Directorate (ED) in Hindi |प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) – पिछले कुछ समय से अपने कार्य के कारण ईडी डिपार्टमेंट मीडिया में पूरी तरह से छाया हुआ है. ईडी का काम ज्यादातर हाई प्रोफाइल मामलों की जांच करना है.

ईडी की full form है -Directorate of enforcement यानि प्रवर्तन निदेशालय.
यह एक ऐसी खुफिया एजेंसी है, जो हमारे देश में वित्तीय संबंधित अपराधों पर नजर रखती है मनी लॉन्ड्रिंग मामलों की जांच करती है.

अवश्य पढ़ें:

ईडी क्या है?

Enforcement Directorate (ED) in Hindi
Enforcement Directorate (ED) in Hindi

ईडी एक केंद्रीय वित्तीय जांच एजेंसी है. यह एक गैर-संवैधानिक निकाय है यानी इसका संविधान में कोई जिक्र नहीं है. इसकी स्थापना 1965 में हुई थी.
इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है. इसके देश में कुल 10 जोनल कार्यालय हैं. ये हैं- मुंबई, दिल्ली, चेन्नै, कोलकाता, चंडीगढ़, लखनऊ, कोच्चि, अहमदाबाद, बेंगलुरु और हैदराबाद.

ईडी का काम क्या है?

यदि आसान भाषा में कहें तो ईडी का काम आर्थिक भ्रष्टाचार यानी वित्तीय घपलों की जांच करना है. इसकी जांच का दायरा काफी बड़ा है. यह फेमा यानी फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट के उल्लंघनों की जांच करती है . विदेशो में संपत्ति की खरीद, हवाला लेनदेन, बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा पर कब्जे, विदेशी मुद्रा के अवैध व्यापार के मामलों की जांच करती है. इसके लिए वह केंद्र और राज्यों की एजेंसियों से शिकायतों और खुफिया जानकारी हासिल करती है. मनी लॉन्ड्रिंग के संदिग्ध मामलों की जांच की वजह से यह एजेंसी अक्सर सुर्खियों में रहती है.

क्या-क्या कार्रवाई कर सकती है ईडी?

इडी फेमा के उल्लंघन के गुनहगारों की संपत्ति तक कुर्क कर सकती है. उसके पास मनी लॉन्ड्रिंग कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ जब्ती, गिरफ्तारी और केस दर्ज करने का अधिकार है.

मनी लॉन्ड्रिंग क्या है?

ईडी अक्सर मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों की जांच को लेकर सुर्खियों में रहती है. इसलिए यह समझना भी जरूरी है कि आखिर मनी लॉन्ड्रिंग है क्या? आसान भाषा में कहें तो मनी लॉन्ड्रिंग का मतलब काले धन को सफेद बनाने से हैं. यानी इसे हम सरल शब्दों में कह सकते है कि अवैध तरीके से कमाए गए धन को वैध तरीके से कमाए गए धन के रूप में दिखाना. उदाहरण के तौर पर फर्जी कंपनियों में पैसों का ट्रांसफर. इस तरह के धन का सरकार के पास कोई लेखा-जोखा नहीं होता है.

मनी लॉन्ड्रिंग शब्द का इस्तेमाल सबसे पहले अमेरिका में 1980 के दशक में प्रचलित हुआ. वहां के माफिया जबरन उगाही, वसूली, सट्टेबाजी, जुआ वगैरह से खूब कमाई कर रहे थे और उसे वैध धन के रूप में दिखा रहे थे. काले धन को सफेद करने के इस खेल के लिए अमेरिकी सीनेट में ‘मनी लॉन्ड्रिंग‘ शब्द का इस्तेमाल किया गया.

मनी-लॉन्ड्रिंग की प्रक्रिया काफी जटिल और चालाकी भरी है जिसको रोकने के लिए सरकार को ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से भुगतान के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करना चाहिए. ‘मनी लॉन्ड्रिंग‘ नामक शब्द ने भारत में राजनीतिक कोहराम मचाया हुआ है. भारत में, “मनी लॉन्ड्रिंग” को लोकप्रिय रूप में हवाला लेनदेन के रूप में जाना जाता है. भारत में यह सबसे ज्यादा लोकप्रिय 1990 के दशक के दौरान हुआ था जब इसमें कई नेताओं के नाम उजागर हुए थे.

प्रक्रिया

मनी लॉन्ड्रिंग में अवैध माध्यम से कमाया गया काला धन सफ़ेद होकर अपने असली मालिक के पास वैध मुद्रा के रूप में लौट आता है.
लॉन्डरिंग पैसे की प्रक्रिया में तीन चरण शामिल होते हैं.
1. प्लेसमेंट (Placement)
2. लेयरिंग (Layering)
3. एकीकरण (Integration)

मनी लॉन्ड्रिंग में कौन कौन सी गतिविधियां शामिल की जाती हैं

Examples of Money Laundering

मनी लॉन्ड्रिंग करने के कई तरीके हो सकते हैं जिनमे एक सबसे अहम है “फर्जी कंपनी बनाना” उन्हें “शैल कंपनियां” भी कहा जाता है. शैल कंपनियां एक वास्तविक कंपनी की तरह एक कंपनी होती है लेकिन वास्तव में इसमें कोई संपत्ति नही लगी होती है और ना ही इनमें वास्तविक रूप में कोई उत्पादन कार्य होता है. दरअसल ये शैल कंपनियां केवल कागजों पर ही अस्तित्व में होती हैं वास्तविक दुनिया में नही.

हालाँकि लॉन्ड्री इन कंपनियों की बैलेंस शीट में बड़े बड़े लेन-देनों को दिखाता है. कंपनी के नाम पर लोन लेता है, सरकार से टैक्स में छूट लेता है, आयकर रिटर्न नही भरता है और इन सब फर्जी कामों के माध्यम से वह बहुत सा काला धन जमा कर लेता है. यदि कोई थर्ड पार्टी वित्तीय अभिलेखों की जांच करना चाहती है, तो तीसरे पक्ष को धन के स्रोत और स्थान के रूप में जाँच को भ्रमित करने के लिए झूठे दस्तावेजों को दिखा दिया जाता है.

ईडी इसकी जांच करती है?

हमेशा अपने पांच मूल्य पर चलने वाली ईडी अखंडता, जवाबदेही, प्रतिबद्धता, उत्कृष्टता और निष्पक्षता के साथ अपना हर काम करते हैं. देश में हो रही गैरकानूनी काम पर भी अपने अधिकार का उपयोग करता है.
इसके अलावा आर्थिक रूप से देश को सुरक्षित रखना भी ईडी का मुख्य कार्य माना जाता है.

ईडी का महत्व क्या है? | Importance of ED

ईडी की महत्वता देश में काफी मानी जाती है, क्योंकि ईडी के अधिकारों के कारण ही सरकार वित्तीय कानून का भार उन पर सौपती है ताकि देश में पूरी तरह से कानूनी कार्रवाई और नियमों का पालन किया जाए.

ईडी देश या विदेश में किसी तरह से संपत्ति द्वारा होने वाली धोखाधड़ी से बचाता है और दोषियों पर उचित कार्रवाई करता है. यही वजह है कि भारत सरकार ने वित्त मंत्रालय और राजस्व विभाग के तहत प्रवर्तन निदेशालय को महत्वपूर्ण और सर्वोच्च स्थान दिया है.

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