Latest News7 August 2022 National Handloom Day - 7 अगस्त राष्ट्रीय हथकरघा दिवस

7 August 2022 National Handloom Day – 7 अगस्त राष्ट्रीय हथकरघा दिवस

7 August National Handloom Day in Hindi – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीतने के एक साल बाद ही 7 अगस्त 2015 को हर साल हथकरघा दिवस के रुप में मनाने का फैसला लिया है. 7 अगस्त 2022 को 8वाँ राष्ट्रीय हथकरघा दिवस (National Handloom Day) मनाया जाएगा. कई बेहतरीन बुनकरों को जयपुर में सरकार व्दारा सम्मानित किया जा रहा है. सरकार के मुताबिक बुनकरों की स्थिति सुधरी है और हैंडलूम की सेल 60% तक बढ़ी है. लेकिन खूबसूरत बुनाई और कढ़ाई करने वाले कारीगरों की जगह मशीनों ने ले ली.

सरकार ने संकल्प दोहराया कि बुनकरों को फैशन जगत से जोड़ा जायेगा हैंडलूम लाईफ स्टाइल की जरुरत बन जाये और उन्हें सही मुनाफा हो उसके लिए बीच में किसी को नही रखना है,सीधा बाजार से उपलब्ध कराने की बात कही गई. हथकरघा क्षेत्र के पुनरोत्थान के लिए कदम उठाए जा रहे है.

यूथ का हैडलूम में महत्वपूर्ण योगदानः Youth’s Significant Contribution To Handloom

7 August National Handloom Day
National Handloom Day

यूथ के बीच हैडलूम प्रॉडक्ट को पॉपुलर बनाना है,इसके लिए हैंडलूम यूथ की पसंद को ध्यान में रखते हुए डिजाइनिंग पर फोकस करना होगा.

  • प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें कुछ कदम उठाने होगें ताकी इसे फैशनेबल बनाया जा सके.
  • हमें इसे भारत और दुनिया में फैशन का केंद्र बनाना होगा.
  • कपड़े, पर्दे, बैडशीट, टेबल कवर और अन्य घरेलू जरुरत के सामान में हैडलूम प्रोडक्ट का इस्तेमाल किया जाता है तो इसका फायदा हैडलूम कारीगरों को बहुत मिलेगा.
  • फिल्मों के जरिए हैंडलूम प्रोडक्ट का प्रचार सबसे ज्यादा हो सकता है.

हैंडलूम बुनकरों का सम्मानः Handloom Weavers Are Honored

सामाजिक,आर्थिक विकास के लिए देश में हैंडलूम बुनकरों का सम्मान करने के लिए हर साल 7 अगस्त को राष्ट्रीय हैडंलूम दिवस मनाया जाता है और भारत के हथकरघा उध्धोग को बढ़ावा देने का भी प्रयास किया जाता है. भुवनेश्वर को हथकरघा की अपनी समृध्द परंपरा के लिए इस दिवस के समारोह स्थल के रुप में चुना गया है.

  • 7 अगस्त 2015 को चेन्नई में मद्रास विश्वविद्यालय की शताब्दी के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रथम राष्ट्रीय हथकरघा दिवस का उध्दाटन किया था.
  • हथकरघे की समृध्द परंपरा के कारण भुवनेश्वर को मुख्य आयोजन ओडिशा के भुवनेश्वर में किया गया.
  • महिलाओं और बालिकाओं को सशक्त बनाने का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय हथकरघा दिवस है.
  • इसका उद्देश्य घरेलू उत्पादों एवं उत्पादन प्रक्रियाओं पर ध्यान केंद्रित करना है, व देश के सामाजिक आर्थिक विकास में हथकरघे का योगदान और बुनकरों की आमदनी में वृध्दि करना है.
  • 1905 में इसी दिन कलकत्ता टाऊन हॉल में स्वदेशी आंदोलन आरंभ किया गया था ब्रिटिश सरकार व्दारा किये जा रहे बंगाल विभाजन का विरोध करने के लिए राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के रुप में इस दिन को चुना गया था.
  • प्रत्येक वर्ष 7 अगस्त को भारत के हथकरघा उध्दोग पर रोशनी डालने के लिए मनाया जाता है.

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