Latest NewsVijay Diwas 2023 - 16 दिसंबर को विजय दिवस क्यों मनाया जाता है?

Vijay Diwas 2023 – 16 दिसंबर को विजय दिवस क्यों मनाया जाता है?

हर 16 दिसंबर को भारत में विजय दिवस (Vijay Diwas 2023) मनाया जाता है। भारत विश्व का सबसे सशक्त राष्ट्र है। हर क्षेत्र में तरक्की करता हुआ भारत अपनी सीमाओं की रक्षा करने में सक्षम है। आजादी के बाद भारत लगातार हर क्षेत्र में तरक्की करता जा रहा है। कोई भी देश भारत के ऊपर खुरापाती नजर रखने से पहले 10 बार सोचता है। दरअसल भारत की सेना ने अपने हर क्षेत्र में दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया है।

भारतीय सेना से डरता है चीन

Vijay Diwas 2023

पाकिस्तान को इस्तेमाल करने वाला चीन भी भारत से डरता है। जब चीनी सैनिकों का अरुणाचल के तवांग सेक्टर के यांग्त्से में एलएसी पर अतिक्रमण किया था तो भारतीय सैनिकों ने उन्हें सीमा पार खदेड़ दिया था। और जब पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन किया था तो भारतीय सैनिकों ने करारा जवाब दिया। प्रधानमंत्री मोदी सैनिकों का सदैव उत्सवर्धन करते हैं। भारतीय सैनिकों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए कई तरह की सौगात दी है। इसके साथ भारत देश के निवासी भी सुना के उत्साह वर्धन में हमेशा आगे रहती है। 16 दिसंबर खास दिन है हम सभी भारतवासी इस दिन विजय दिवस हर्षो उल्लास के साथ मनाते हैं।

16 दिसंबर को ही विजय दिवस क्यों मनाया जाता है

(Vijay Divas) 16 दिसंबर का दिन पूरे देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है इस दिन विजय दिवस मनाया जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि 16 दिसंबर का दिन बहुत ही खास है।

सन 1971 में इसी दिन भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था। आपको बता दे, यह युद्ध पाकिस्तान की ओर से शुरू किया गया था लेकिन भारत ने इसका करारा जवाब देते हुए पाकिस्तान को धूल चटाया और युद्ध जीत लिया था। भारत की इस उपलब्धि पर हम देशवासी 16 दिसंबर को विजय दिवस के रूप में मनाते हैं। ताकि हमारी पीढ़ी के अंदर अपने देश की सुरक्षा के लिए बलिदान देने वाले सैनिकों के प्रति सम्मान की भावना बरकरार रहे।

आपको बता दे कि 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के 93 हजार से अधिक सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया था। दुनिया में इतने बड़े पैमाने पर सैनिकों का आत्मसमर्पण का यह पहला उदाहरण है। पाकिस्तान के सैनिकों की समर्पण के बाद पूर्वी पाकिस्तान आजाद हुआ जो आज बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है। उस समय इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं।

16 दिसंबर के दिन पाकिस्तान के जनरल नियाजी ने  आत्मसमर्पण के दस्तावेज (surrender documents) पर हस्ताक्षर किए थे। किसी कमांडर के लिए आत्म समर्पण करना शर्मनाक बात है।

पाकिस्तानी कमांडर आत्म समर्पण करते समय रो पड़े

भारत ने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान को धूल चटाया। आत्मसमर्पण करते समय पाकिस्तान कमांडर नियाजी के आंखों में आंसू भर आया था।

पाकिस्तानी कमांडर नियाजी आत्मसमर्पण के कागजात पर हस्ताक्षर किया और अपनी रिवॉल्वर भारत के जनरल अरोड़ा के हवाले कर दी थी। बेवजह युद्ध के लिए आमादा पाकिस्तान उस समय अमेरिकी हथियार और टैंक पर गर्व कर रहा था। हार की वजह से 93000 से अधिक सैनिकों को आत्मसमर्पण  करने वाला दिन पाकिस्तान के लिए अच्छा नहीं रहा। जबकि हमारे भारतीय सैनिकों ने दुश्मनों को हर बार मुंह तोड़ जवाब दिया है।

अपनी आदत से बाज नहीं आता पाकिस्तान

 1971 के युद्ध के आत्मसमर्पण के बाद भी पाकिस्तान  नहीं सुधरा और कई तरह के हथकंडे आतंकवाद के रूप में और कारगिल के रूप में अंजाम देता रहा हैं लेकिन भारतीय सैनिक अपनी वीरता का परिचय देते हुए पाकिस्तान के मनसूबे पर पानी फेर देते हैं। आज के समय में भारत दुनिया का सबसे सशक्त राष्ट्र है। भारतीय सैनिक दुनिया के सबसे जांबाज सैनिक माने जाते हैं।

16 दिसंबर को धूमधाम से मनाया जाता है विजय दिवस

Vijay Diwas 2023 पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। आज कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा और अपने सैनिकों का उत्साहवर्धन किया जा रहा है।

दूसरे विश्व युद्ध के बाद दुनिया का सबसे बड़ा सैनिकों का आत्म समर्पण

पाकिस्तान का आत्मसमर्पण सेकंड वर्ल्ड वॉर के बाद अब तक दुनिया का सबसे बड़ा सैनिकों का आत्म समर्पण रहा है। ‌ आत्मसमर्पण के बाद भारतीय सैनिकों ने लगभग 396000 पाकिस्तानी सैनिक और उनके बंगाली सहायकों को युद्ध बंदी बना लिया था। इस बड़ी उपलब्धि को विजय दिवस के रूप में भारत हर साल 16 दिसंबर के दिन मानता है। आपको बता दे कि पाकिस्तान हमेशा भारत को आतंकवाद और युद्ध के जरिए परेशान करता रहा है लेकिन भारत इसका मुंहतोड़ जवाब देकर पाकिस्तान के मंसूबे को हमेशा नाकामयाब करता रहा है।


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