Bihar Diwas 2022 in Hindi -सरकारी एक्जाम हेल्प की तरफ से आप सभी को विश्व को लोकतंत्र की राह दिखाने वाले ज्ञान व संस्कृति की भूमि, अहिंसा, सद्भाव, करुणा व प्रेम का संदेश देने वाली ज्ञान व संघर्ष की भूमि बिहार को बिहार के स्थापना दिवस पर समस्त देशवासियों और बिहार की समस्त जनता को बिहार दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !!
बिहार की गौरवशाली अतीत हजारों वर्षों से बेहद समृद्ध रहा है। बिहार न सिर्फ़ बिहार में बल्कि देश और दुनिया को शताब्दियों तक रास्ता दिखाता आया है और आगे भी दिखाएगा।
इसकी मिट्टी पर गर्व करने के कई कारण हैं अतीत से वर्तमान तक बिहार और बिहार के वासी हर जगह अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए मिलेंगे बिहार की मिट्टी पर गर्व करने के कई क्षण छुपे हुए हैं।
बिहार का इतिहास
- 22 मार्च सन 1912 को बंगाल से अलग करके बिहार को विधिवत राज्य का दर्जा दिया गया।
- उस वक्त उड़ीसा और झारखंड भी बिहार के ही साथ थे या यू कहे बिहार का ही हिस्सा थे।
- बिहार में कुल 38 जिले है।
- बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह है और वर्तमान में श्री नितीश कुमार है।
बिहार की उपलब्धिया
नया राज्य के बनते ही बिहार पुनर्निर्माण के रास्ते पर चल रहा है। नीति और न्याय के साथ-साथ सियासत के नजरिए से भी बिहार की दशा और दिशा दोनों ही प्रसिद्ध है| नीति न्याय के साथ सियासत करने वालों ने बिहार की दशा बदलने की भरपूर कोशिश की है। बिहार आधी आबादी की हिफाजत करने में भी दूसरों को नजरिया पेश किया है।
- राज्य की सभी नौकरियों में महिलाओं को क्षैतिज रूप से 35% आरक्षण देकर सामाजिक क्रांति का अगुवाई किया।
- यह कदम भारत में सराहनीय रहा महिला उत्थान के बड़े फैसले ने देश भर में लोगों को प्रभावित किया।
- 2005 की सत्ता परिवर्तन से सत्ता नीतीश कुमार के हाथों में आई।
- राजग की नई सरकार बनते ही 1 वर्ष के भीतर देश में पहली बार बिहार पंचायती राज के सभी पदों पर आधी आबादी को 50 फ़ीसदी आरक्षण मिला। इस रास्ते पर दूसरे राज्य भी चले।
- बिहार ने भूमिहीनों के लिए 1947 में ही अधिनियम बनाकर आवास की व्यवस्था की थी।
- आजादी के बाद देश की सबसे बड़ी समस्या से निजात पाने के लिए रोड मैप बिहार ने ही बनवाया था।
- भूमि सुधार के प्रयासों का का प्रथम अध्याय 1950 में ही लिखा गया | जब बिहार जमीदारी प्रथा पर ब्रेक लगाने के लिए भूमि सुधार अधिनियम पारित किया यह अपने आप में सराहनीय कदम था, क्योंकि तब देश का अपना संविधान भी लागू नहीं हुआ था। यह फैसला आगे चलकर स्तंभ साबित हुआ।
- श्रीकृष्ण सिंह के नेतृत्व वाली बिहार की स्तंभित सरकार ने कानून बनाया और देश को रास्ता दिखाया इसी तर्ज पर ही बाद में केंद्र सरकार ने भी चकबंदी एक्ट लाकर अधिकतम जमीन रखने की सीमा तय कर दी गई।
- चंपारण इतिहास का सबसे प्रसिद्ध जगह है क्योंकि गांधी युग की बुनियाद भी बिहार में ही पड़ी थी सत्याग्रह के विचार को जमीनी हवा पानी चंपारण में ही मिला।
- बिहार ने महात्मा गांधी को इतनी ताकत दी की दुनिया उन्हें महात्मा मानने लगी आजादी की लड़ाई में बिहार का महत्व को कोई काम नहीं कह सकता है। आजादी की लड़ाई में बिहार ने भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- इसी महत्व को समझते हुए नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 1940 में 1 साल के भीतर 450 सभाएं की थी।
- नेताजी बिहार से प्रभावित होकर बिहार के ही शीलभद्र याजी को अपने आंदोलन में उन्होंने प्रमुख साथी बनाया।
- राष्ट्रकवि दिनकर जी की कविताओं ने भी आजादी की चिंगारियां बिखेरने में महत्वपूर्ण काम किया।
- जब संविधान बनाने की बात तेज पकड़ी तो सच्चिदानंद सिन्हा और डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद की मेधा की जरूरत पड़ी| आगे चलकर डॉ राजेंद्र प्रसाद जी को देश का पहला राष्ट्रपति बनाया गया। बिहार से जब जब लपटी उठी तो देश की राजनीति की दशा और दिशा ही बदल गई।
- दिल्ली की तानाशाही शासन ने जनता को फिर एक बार आवाज उठाने पर मजबूर किया और नतीजा और समाधान के रूप में जयप्रकाश नारायण का चेहरा सामने आया।
- संपूर्ण क्रांति की आग भी बिहार से ही उठी आहुति भी बिहार ने ही डाली जब लपटें उठी तो देश की राजनीति एक बार फिर बदली।
बिहार दिवस पर कोविड-19 कोरोना का साया
आज यानी 22 मार्च बिहार दिवस के रूप में जाना जाता है, लेकिन इस बार कोई सार्वजनिक कार्य कार्यक्रम नहीं होगा। बिहार दिवस को संबोधित करने हेतु मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सभी जिलों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करेंगे। पूरे दुनिया के साथ-साथ देश में और बिहार में भी करो ना संक्रमण के आसार को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। बड़े कार्यक्रमों पर रोक लगा दी गई है। कोई भी सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं होगा, बस मुख्यमंत्री इस दिन सुबह 11:00 बजे सभी जिलों को संबोधित करेंगे सभी जिला अधिकारी जिला में ऑनलाइन कार्यक्रम की तैयारी कर रहे हैं। इस वर्ष 2021 ‘जल, जीवन हरियाली‘ पर कार्यक्रम आधारित होगा बिहार सरकार की महत्वकांक्षी योजना “जल जीवन हरियाली” के तहत मुख्यमंत्री द्वारा जानकारी दी जाएगी। लोगों को बताया जाएगा कि जल जीवन को बचाने के लिए कैसे अपने क्षेत्रों में काम करें। वैसे हर वर्ष तीन दिवसीय कार्यक्रम होता है। 22 मार्च को बिहार की राजधानी पटना में गांधी मैदान और ज्ञान भवन में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होता है। इस साल सब कुछ वर्चुअल तरीके से होगा।
बिहार दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं”
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