दोस्तों नई शिक्षा नीति के अंतर्गत राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और दूसरे बोर्ड पर लागू हो चुकी है। ऐसे में अब शिक्षा का महत्व (Importance of Education) बहुत बढ़ गया है। अब शिक्षा मूल्यों के साथ-साथ दक्षता आधारित शिक्षा दी होगी।
ऐसे तरीकों का प्रयोग किया जाएगा जिसमें विद्यार्थी की प्रतिभा को सही प्लेटफार्म मिले और वह खेल खेल में सीखने के आनंद को प्राप्त करें और अपने अनुभव को बढ़ाकर वह योग्यतापरक शिक्षा ग्रहण करके योग्य व्यक्तित्व बने, जिससे कि उसे आने वाले समय में बेरोजगारी का सामना ना करना पड़े। (Skilled Based Education)
शिक्षा का महत्व इस लेख के जरिए
सबसे पहले आपको बता दें कि इस लेख के माध्यम से हम शिक्षा में हो रहे अमूल स्कूल परिवर्तन के बारे में बता रहे हैं।
पढ़ाने के तरीके में बहुत से बदलाव देखने को आपको मिल रहा है ऐसे में नई शिक्षा नीति के अंतर्गत किस तरीके से बालक के आनंद के साथ ज्ञानपूर्ण शिक्षा ग्रहण कर सकता है।
इन सभी बातों को इस लेख में हम समेटने जा रहे हैं इसके अलावा आपको बता दें कि सरल और सहज भाषा से इस बात को हम आप तक पहुंचा रहे हैं। शिक्षा के महत्व पर आपको यदि इसी तरह का अनुच्छेद या निबंध या रिसर्च आर्टिकल के लिए आईडिया लेना है तो जाने के लिए सबसे उत्तम है। (what is the changing of the method of teaching)
नई शिक्षा नीति से नया बदलाव
New Education Policy New Changing: देखिए हम आपको बता दें कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 हमारे देश में लागू तो हो चुकी है लेकिन इसे पूरी तरीके से और सही तरीके से लागू करने के लिए कई तरह के बदलाव और कई तरह की सोच को बदलना भी जरूरी है।
जैसे आज हमारे समाज में शिक्षा का मतलब केवल घटना और जानकारी हासिल करना ही है। वही विद्यार्थी इन तरीकों से सरकारी नौकरी पाने के लक्ष्य तक ही सीमित रहता है। और जब सरकारी नौकरी नहीं मिलता है तो वह बेरोजगार हो जाता है क्योंकि उसने अपनी कुशलता को बाजार के अनुसार विकसित नहीं किया है।
विद्यार्थी मानाता है कि केवल सरकारी नौकरी पाने का एक रास्ता ही शिक्षा है। यह सोच बिल्कुल शिक्षा के सोच से अलग है। रोजगार प्राप्त करना शिक्षा का एकमात्र उद्देश्य नहीं है बल्कि शिक्षा का चौतरफा उद्देश है, जिसमें उसकी कुशलता और सामाजिकता को बढ़ाते हुए उसमें नैतिकता का मूल्य स्थापित करना है।
लेकिन इसके साथ ही शिक्षा का सबसे बड़ा मूल्य एक अच्छा नागरिक बनाना है। विभिन्न तकनीक और योग्यताओं का विकास करके एक बालक को भावी जीवन में आने वाले प्रोफेशनल लाइफ को बेहतर तरीके से जीने के साथ ही उसे सामाजिक बुद्धि और संवेदनात्मक बुद्धि से जोड़कर उसे रचनात्मक और व्यवहारिक ज्ञान भी प्रदान करना जरूरी है
इसलिए शिक्षा नीति 2020 में जो बदलाव हुए हैं, उसे वास्तविकता के मंच पर उतारना सबसे बड़ी चुनौती होगी। इसके लिए शिक्षा-व्यवस्था में अतिरिक्त पैसा सरकार को खर्च करना है, जिसके लिए बजट भी बढ़ाया गया है और नए शिक्षकों को ट्रेंड करके उन्हें इसके लिए तैयार करना एक बड़ी चुनौती है।
अभिभावक की सोच बदलना जरूरी
जैसा कि देखने को मिलता है कि माता-पिता अपने बच्चे के जरिए अपने सपने को खुद जीते हैं, ऐसे में उस बच्चे की सोच को एक तरह से खत्म कर दिया जाता है। उसे रोबोट बनाकर केवल दूसरे की मर्जी के अनुसार कैरियर चुनने के लिए मजबूर किया जाता है।
इन सभी पुरानी सोच और अंधविश्वास को तोड़ना शिक्षा के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। इसके साथ ही विद्यालय की भी एक सोच है, जो पैसा कमाने तक ही सीमित रहता है। विद्यालय के मैनेजमेंट की सोच को भी बदलना होगा। इसमें सरकारी हस्तक्षेप करके नई शिक्षा नीति को सही से लागू करना और स्कूल को केवल बिजनेस का अखाड़ा बनाने वाली सभी नीतियों को तत्काल सरकार को वापस लेना होगा। आजकल स्कूल फीस वसूलने के साथ ही कॉपी डायरी यूनिफॉर्म बेचकर एक मल्टीनैशनल लाभकारी मैनेजमेंट कंपनी की तरह व्यवहार कर रहे हैं। इस पर रोक टोक नहीं लगता कि राजनीतिक हस्तक्षेप भी इसमें कमाई कर रही है।
पढ़ाई के बोझ में दबा बच्चा और पैसों के बोझ के तले अभिभावक
आज की पढ़ाई इतनी अधिक सिलेबस के कारण बच्चा पढ़ाई के बोझ भी दब गया है वही महंगे स्कूलों की चलन और तरह-तरह के खर्चों के कारण अभिभावक भी इन स्कूलों के दबाव में दबा हुआ है। अब आपसे हम चर्चा कर ले जा रहे हैं कि स्कूलों में पढ़ाई के स्तर में किस तरीके से सुधार हो सकता है नई शिक्षा नीति मुझे सुधार करने के प्रावधान दिए हैं उसमें कहां तक सरकारी प्राइवेट स्कूल सफल हो पाते हैं इन सब के बारे में भी जानकारी है।
शिक्षण तकनीक और शिक्षा में बदलाव
बहरहाल दोस्तों बहुत सरल हिंदी भाषा में आप तक पहुंचाने के लिए लिखा जा रहा है। अब हम आपको एक एक पॉइंट पर चर्चा करते हुए बताने वाले हैं कि नई शिक्षा नीति में कौन-कौन से अमूल चूल परिवर्तन हुए हैं जिसमें विद्यार्थियों को इस तरीके से पढ़ाया जाएगा शिक्षा का मूल उद्देश्य क्या है शिक्षा में कुशलता के उद्देश को भी रेखांकित करेंगे इसके अलावा शिक्षण पद्धतियों और बालकों में रुचि जगाने वाले टेक्निकल से बारे में भी जानेंगे।
तो आइए नई एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत शिक्षा में किस तरह के नए बदलाव देखने को 2023 में मिलेंगे। इन सब की चर्चा हम इस एक आर्टिकल में पूरा तो नहीं कर सकते हैं लेकिन सीखने और सिखाने की प्रक्रिया और कुशलता को बढ़ाने वाली बातों पर हम चर्चा कर सकते हैं और इस लेख को आप पढ़कर हमें अपनी प्रतिक्रिया जरूर दीजिएगा। हालांकि यह लेख बहुत बड़ा है, आप चाहे तो सब हेडिंग से पढ़कर अपने मतलब का ज्ञान भी हासिल कर सकते हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में दक्षता आधारित शिक्षा का मतलब
अगर आपने गूगल में सर्च करके दक्षता आधारित शिक्षा के मतलब के बारे में यह जानकारी ले रहे तो सब हेडिंग में किसी की जानकारी को हम आप तक पहुंचा रहे हैं, सबसे पहले आपको बता दें कि दक्षता आधारित शिक्षा का मतलब होता है-सीखने और मूल्यांकन करने का ऐसा दृष्टिकोण जो शिक्षार्थियों के सीखने के बारे में और उनके विशेष दक्षता को प्राप्त करने में बल देता है।
स्किल आधारित शिक्षा योग्यता क्या है
सरल भाषा में इस तरह से बता सकते हैं कि मान लीजिए कि कोई कहानी है, उस कहानी के दो पात्र हैं। एक पात्र वह बुरे स्वभाव का है जबकि दूसरा पात्र अच्छे स्वभाव का है।
दोनों के चरित्र चित्रण का वर्णन करने के लिए योग्यता प्रश्न पूछे जाते हैं लेकिन जब इसे व्यवहारिकता में उतारा जाता है तो इसके लिए हमें मूल्यांकन का तरीका बदलना होता है।
फिर हम यह कह सकते हैं कि फिल्म के कैरेक्टर की तुलनात्मक अध्ययन करके बताओ कि कौन सा करैक्टर अच्छा है या कौन सा करैक्टर बुरा है। तब छात्र फिल्म के कैरेक्टर के बारे में आंसर लिखता है तो हम उसके आंसर से समझ सकते हैं कि उसके अंदर एनालिसिस की योग्यता का विकास हुआ है कि नहीं।
इस तरीके से नई शिक्षा नीति के अंतर्गत कई तरह के योग्यता पर सवाल पूछ कर उनका मूल्यांकन किया जा सकता और उनके अनुभव को बढ़ाया जा सकता है।
अनुभव के आधार पर शिक्षा प्रक्रिया
अब हम आपसे बात कर रहे हैं कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत दक्षता और कुशलता के विकास के साथ ही उनके अनुभवों को भी आधार बनाकर उनकी कुशलता को बढ़ाया जा सकता है।
इसके लिए सटीक उदाहरण यह है कि यदि कोई बालक पहले से बीज बोना जानता है तो अपने घर में या अपने बागीचे में अपने पिताजी के साथ उसने पौधे उगाने की प्रक्रिया के अनुभव को जाना है। उसके अनुभव से कृषि से संबंधित ढेर सारी जानकारी उसे देकर प्रायोगिक तौर पर एक पौधा उगाने का प्रयोग को दिया जा सकता है।
इस तरीके से अनुभव आधारित शिक्षा प्रक्रिया में बालक के पूर्व अनुभव को आधार बनाकर शिक्षा को मजबूती से बालक को प्रदान करने से सीखने की प्रवृत्ति बहुत तेजी से बढ़ती है।
पढ़ने पढ़ाने का नया तरीका न्यू पॉलिसी एजुकेशन
अब इस लेख के माध्यम से हम ज्ञान अर्जन करने के उन तरीकों यानी मेथड ऑफ टेक्निक्स के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, जिसका उपयोग में शिक्षा नीति में शिक्षकों के द्वारा किया जाता है। पूरी कक्षा में एक ही तरीके से पूरे बालक को पढ़ाना उचित नहीं है क्योंकि हर बालक की सीखने और समझने की क्षमता अलग-अलग होती है।
इसलिए कक्षा में कई तरीके अपनाए जाते हैं, सीखने के लिए। जिससे कि हर तरह के बालक को सीखने की प्रक्रिया में दक्ष बनाया जा सके और टॉपिक को सिखाया जा सके।
नई शिक्षा नीति में इन तरीकों को डिवेलप करने के लिए कई तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। अब हम आपको यहां पर कई नए तरीके बताने जा रहे हैं। इस पूरे आर्टिकल में अब तक आपने जो पढ़ा वह आपके लिए बहुत उपयोगी रहा है। आगे जो बताने जा रहे हैं वह भी आपके लिए ही बहुत उपयोगी होगा। तो हम बात कर रहे थे कि वह कौन-कौन से नए टेक्निक हैं जिनसे पढ़ाई में बच्चों की जिज्ञासा बढ़ती है तो उस पर बारे में निम्नलिखित है-
तुलनात्मक अध्ययन द्वारा पढ़ाने का तरीका
जी हां दोस्तों! जब हम कोई एक टॉपिक को दूसरे टॉपिक से तुलना करके पढ़ाते हैं तो बालक को उस टॉपिक में जो तुलना की जा रही है, उस बात को ध्यान से सुनने का मन करता है। अपनी सोच और समझ से तुलना भी वह देने को तैयार हो जाती हैं। इस तरह से अध्ययन करते समय दो प्रकार की चीजों का आपस में तुलना करके समझाना, उदाहरण के साथ यह लाभकारी होता है और इससे बच्चा जुड़ता है। विश्लेषण करने और कल्पना शक्ति का भी विकास होता है।
प्रोजेक्ट विधि द्वारा पढ़ाई करने का नई शिक्षा में प्रावधान
आज के दौर में कुशलता हासिल करने के बाद जब आप किसी जगह कार्य करने हेतु जाते हैं तो वहां पर उस कार्य से संबंधित आपको प्रोजेक्ट वर्क या असाइनमेंट पूरा करना होता है। इस असाइनमेंट को करने के लिए कई और लोग भी आपके साथ जोड़े जाते हैं इस तरीके से टीम वर्क के द्वारा किसी काम को अंजाम दिया जाता है।
जैसे मान लीजिए कि कोई कंपनी विज्ञापन बनाती है तो वहां एक असाइनमेंट बनाएगा उसे क्लाइंट को दिखाएगा फिर क्लाइंट उस असाइनमेंट को देखता है अपनी सहमति देंगा या उसमें कोई फेरबदल करवाएगा। क्लाइंट के मन मुताबिक यदि आप असाइनमेंट बना लेते हैं तो निश्चित ही आप प्रोफेशनल लाइफ में सफल होंगे लेकिन एक एडवरटाइजमेंट बनाने के लिए आपको पहले से स्किल्ड यानी दक्ष होना जरूरी है।
इसीलिए हिंदी और अंग्रेजी समेत सभी विषयों में प्रोजेक्ट विधि द्वारा हर बालक को असाइनमेंट देखकर उनकी दक्षता का विकास किया जाता है जो आगे चलकर एक सफल उद्यमी और प्रोफेशनल बनने में मदद करता है।
खेल खेल विधि में पढ़ाई
नई शिक्षा नीति के अंतर्गत खेल-खेल में पढ़ाई के महत्व को भी उजागर किया गया है। बच्चे खेल-खेल में पढ़ना पसंद करते हैं ऐसे में बच्चों को कोई बात है कहानी या खेल के माध्यम से समझाना कारगर होता है। इसमें कई तरह के खेल होते हैं एक्टिविटी के जरिए पूरा किया जाता है।
Conclusion
हमने सीबीएसई बोर्ड New Education Policy शिक्षा नीति में पढ़ाने को लेकर होने वाले बदलाव के बारे में जानकारी प्रदान की है। यह लेख आपको कई तरीके से किसी टॉपिक को समझने में मददगार साबित होगा। यदि आप इस तरह के और भी निबंधात्मक लेख चाहते हैं तो हम एक बार कमेंट जरूर करें हम उस विषय में बहुत सरल और सहज ढंग से आपको समझाएंगे और लेख निबंध लिखकर आपके ज्ञान को बढ़ाएंगे।
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